Rashtrapati ke election m counting kaise hoti hai

आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनावों के मूल सिद्धांत यह हैं कि सभी मतदाता प्रतिनिधित्व के पात्र हैं और यह कि समाज के सभी राजनीतिक समूहों को मतदाताओं में उनकी ताकत के अनुपात में हमारे विधायिकाओं में प्रतिनिधित्व करने का अधिकार है।

दूसरे शब्दों में, सभी को निष्पक्ष प्रतिनिधित्व का अधिकार होना चाहिए। सामान्यत: इसका उपयोग वंहा किया जाता है जहा  एक से अधिक सदस्य चुनने  हों |

भारत में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के मामले में, केवल एक सदस्य चुना जाना है।, फिर भी, आनुपातिक प्रतिनिधित्व से चुनाव की प्रक्रिया से चुनाव कराने का तरीका निर्धारित किया है। इसे “वैकल्पिक वोट”  विधि  भी कहा जाता है  जब एकल सदस्यीय निर्वाचन  हो ।

इसमें  वोट करने वाला व्यक्ति अपनी इच्छा से मतपत्र पर अपनी प्राथमिकता के अनुसार चुनाव लड़ने वाले लोगो के सामने नंबर डालेगा.  जेसे वो सबसे ज्यादा उपुकेट समझाता है उसे 1 नंबर  देगा  और 2, 3 इस तरह :

फिर  गणना करने का जो तरीका है  वो इस प्रकार है किसी चुनाव में पांच उम्मीदवार है A, B, C, D, E

कुल मत पड़े 11010

10 मत रिजेक्ट हो गए

कुल वैध मतों  बचे  11 000

पांचों उम्मीदवारों  को वोट   मिले 

उम्मीदवार प्रथम वरीयता में प्राप्त वोट
A
3,250
B
2800
C
2500
D
1850
E
600
TOTAL
11000

सामान्य प्रणाली में  जहां साधारण बहुमत से चुनाव होता है  A को विजेता घोषित कर दिया जायगा |

पर  आनुपातिक प्रतिनिधित्व  “वैकल्पिक वोट प्रणाली”   के मामले में, ऐसा नहीं है, इस में पहले कोटा निकला जायेगा-

कुल  वैध मतों को 2 से भाग दे कर 1 जोड़ा जाएगा

11000/2 = 5500 + 1  = 5501

यदि पहली गणना (प्रथम वरीयता वोट) में   5501 मत प्राप्त हो जाते तो वो उम्मीदवार विजेता हो जाता

नहीं होने पैर  अगले  चरण की गणना की जायगी जिसमे E के वोट दूसरी वरीयता में प्राप्त उम्मीदवारों में बाँट दिए जायंगे

उम्मीदवार प्रथम वरीयता में प्राप्त वोट दूसरी वरीयता में प्राप्त वोट कुल मत
A
3250
400
3650
B
2800
100
2900
C
2500
60
2560
D
1850
40
1890
TOTAL
10400
600
11000

नहीं होने पर अगले  चरण की गणना की जायगी जिसमे E के वोट दूसरी वरीयता में प्राप्त उम्मीदवारों में बाँट दिए जायंगे |

उम्मीदवार प्रथम वरीयता में प्राप्त वोट दूसरी वरीयता में प्राप्त वोट कुल मत
A
3250
400
3650
B
2800
100
2900
C
2500
60
2560
D
1850
40
1890
TOTAL
10400
600
11000

किसी भी उम्मीदवार को निर्धारित कोटा नहीं मिलने के कारण  अगले  चरण की गणना की जायगी जिसमे D के वोट तीसरी वरीयता में प्राप्त उम्मीदवारों में बाँट दिए जायंगे |

उम्मीदवार प्रथम वरीयता में प्राप्त वोट दूसरी वरीयता में प्राप्त वोट तीसरी वरीयता में प्राप्त वोट कुल मत
A
3250
400
175
3825
B
2800
100
1600
4500
C
2500
60
115
2675
D
E
TOTAL
10400
600
1890
11000

अभी भी किसी भी उम्मीदवार को निर्धारित कोटा प्राप्त नहीं हुआ इस  कारण  अगले  चरण की गणना की जायगी जिसमे C के वोट चोथी वरीयता में प्राप्त उम्मीदवारों में बाँट दिए जायंगे |

उम्मीदवार प्रथम वरीयता में प्राप्त वोट दूसरी वरीयता में प्राप्त वोट तीसरी वरीयता में प्राप्त वोट चोथी वरीयता में प्राप्त वोट कुल मत
A
3250
400
175
875
4700
B
2800
100
1600
1800
6300
C
2500
60
115
D
E
TOTAL
10400
600
1890
2675
11000

B  को निर्धारित कोटा प्राप्त  हो गया है इस  कारण  B  को विजेता घोषित कर दिया जायगा | यंहा पर मान लो इस  चरण की गणना की में भी किसी को कोटा प्राप्त नहीं होता तो   जिस उम्मीदवार के वोट अधिक होते उसे ही विजयी घोषित कर दिया जाता |

भारतीय राष्ट्रपति के चुनाव  के कुछ रोचक तथ्य

1. भारत के प्रथम राष्ट्रपति हे एसे राष्ट्रपति है  जिन्होंने दो कार्यकाल पूरे किये है |

2. श्री नीलम संजीव रेड्डी सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति रहे हैं |

3. श्री वी वी गिरि  के चुनाव में कोटा प्राप्त नहीं हुआ था और  मतों की गणना अगले चरणों तक हुई थी जिसमे उन्होंने श्री नीलम संजीव रेड्डी को हराया था |

4. श्री नीलम संजीव रेड्डी ही निर्विरोध चुने गये है इस समय 37 नामांकन आये थे जिनमे से 36 रिजेक्ट हो गए |

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